71 नक्सली अब विकास और शांति की राह पर: हथियार छोड़ किया आत्मसमर्पण
बस्तर में बदल रहा है माहौल : छँट रहा है नक्सलवाद का अंधियारा – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने दंतेवाड़ा सहित पूरे बस्तर अंचल में नया विश्वास जगाया है। माओवादी हिंसा के झूठे नारों से भटके लोग अब विकास और शांति की राह चुन रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर संभाग में चलाए जा रहे पूना मारगेम अभियान तथा दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर हाल ही में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 30 नक्सलियों पर 50 हजार से 8 लाख रुपये तक का कुल 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण हमारी नीतियों की प्रभावशीलता और जन-विश्वास का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन की शुरुआत के लिए 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए हैं। साथ ही उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और भरोसेमंद वातावरण के कारण अब तक 1770 से अधिक माओवादी मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। डबल इंजन की सरकार का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा और आत्मसमर्पित साथियों को सम्मानजनक पुनर्वास एवं बेहतर जीवन उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अब बस्तर बदल रहा है और नक्सलवाद का अंधियारा छंट रहा है। यह परिवर्तन बस्तर के उज्ज्वल भविष्य और शांति की ओर बढ़ते कदमों का सशक्त संकेत है।