स्वच्छता, सेवा और सुशासन का लिया गया संकल्प
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने आज सारंगढ़ जिले में आयोजित विशेष कार्यक्रम में स्वच्छता, सेवा और सुशासन को लेकर जनता के बीच संदेश दिया। उन्होंने महात्मा गांधी के सपनों के भारत का स्मरण कर कहा कि गांधीजी का भारत केवल राजनीतिक आज़ादी तक सीमित नहीं था, बल्कि एक स्वच्छ, स्वस्थ और विकसित भारत की परिकल्पना पर आधारित था।
मंत्री श्री वर्मा ने स्वच्छता शपथ दिलाते हुए कहा कि मैं संकल्प लेता हूं कि स्वयं, परिवार, मोहल्ला, गांव और कार्यस्थल से स्वच्छता की शुरुआत करूंगा। हर सप्ताह 2 घंटे दूंगा और 100 घंटे सालाना स्वच्छता के लिए समर्पित करूंगा। जब देश स्वच्छ होगा तभी स्वस्थ भारत का निर्माण संभव होगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि 25 वर्ष का हमारा प्रदेश संसाधनों और उपलब्धियों से परिपूर्ण है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश की योजनाएं अंतिम छोर तक पहुंच रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने श्रमिक बंधुओं के लिए पंजीयन एवं लाभ वितरण की व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं तथा बच्चों की शिक्षा को लेकर श्रम विभाग के प्रयासों की सराहना की। वहीं महतारी वंदन योजना को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने 70 लाख माताओं तक योजना का लाभ पहुंचाकर देश में उदाहरण प्रस्तुत किया है। धान बोनस, तेंदुपत्ता संग्रहण, भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10 हजार की डायरेक्ट सहायता और डिजिटल तकनीक से राजस्व प्रबंधन जैसे कदमों को उन्होंने सुशासन और पारदर्शिता की मिसाल बताया।
वर्मा ने जोर देते हुए कहा कि स्वच्छता केवल सरकार का काम नहीं है, बल्कि समाज की जागरूकता जरूरी है। यदि हम कचरे को सही स्थान पर डालें और सफाई व्यवस्था का पालन करें, तो बीमारियों से बचाव और स्वस्थ जीवन संभव है। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उनके “अंत्योदय” के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना ही सुशासन की असली पहचान है। आज हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि अपने घर, मोहल्ले और गांव को स्वच्छ बनाएंगे और स्वच्छता अभियान को सफल करेंगे।